Poem in Hindi- ”डिओडोरेंट”
आजकल हर कोई फूल हो गया है, सभी रंग बिरंगे, चटकदार, खुशबूदार, और मैं कांटा ही रह गयामैं इसी गम में हूँ जैसे किसी भ्रम में हूँ कि सब फूल हो गए और मैं कांटा ही रह गयालेकिन नही, सच में ये मेरा भ्रम ही था, गौर से देखा तो पाया कि, कांटो ने डियोडोरेंट …