POEM HINDI

Poem in hindi-क्योंकि, मैं एक लड़की हूँ,

दुनियां के तमाम बहादुर लड़कियों के लिये

क्योंकि, मैं एक लड़की हूँ,

रसिको के लिए रस से भरी हूँ

बाप के जस अपजस से भरी हूँ

अजीब कसमो-कस से भरी हूँ

क्योंकि मैं एक लड़की हूँ।१। 
बेबस बीच बाजार खड़ी हूँ,

अबला मैं लाचार खड़ी हूँ

सड़क किनारे नग्न पड़ी हूँ,

सत्ता के ताले से जड़ी हूँ,

क्योंकि मैं एक लड़की हूँ।२। 
पर जो तुझसे आज लड़ी हूँ

त्याग के अपना लाज खड़ी हूँ

जो तुझको ललकार खड़ी हूँ,

लक्ष्मण रेखा पार खड़ी हूँ,

जिंदा हूँ, अभी नही मरी हूँ,

क्योकि मैं एक लड़की हूँ।३।