poem hindi | गर्मी की बरसात
आज जब मुद्दतो बाद जब घटा गहराने लगी तो हवा को को आया तैश हो प्रचंड शक्तियों से लैश मेघो को उड़ाने लगी उड़ने लगे टालियों पर बिथरी सूखने को चड्डी बनियान उड़े कई चिड़ियों के घोंसले गिरे, टूटे कई अंडे, निकले अजन्मे प्राण खैर उन टूटे अंडों की कौन चिंता करता है रोज टूटते …