कुछ बेतुके प्रश्न

सत्य क्या है?

कहाँ है?

जो मिथ्या नही है,

या जहाँ मिथ्या नही है,

तो क्या, सत्य का वजूद,

मिथ्या के आसरे है।

रौशनी क्या है,

कहाँ है,

जो अंधेरा नही है,

जहाँ अंधकार नही है,

तो क्या ! रौशनी का वजूद,

अंधकार के भरोसे है।

ज्ञान क्या है?

कहाँ है?

एक मष्तिस्क की परिकल्पना,

जहां अज्ञानता नही है,

तो क्या, ज्ञान का अस्तित्व 

अज्ञानता के बल पर है,

शांति क्या है,

कहाँ है,

जब युद्ध नहीं है

जहां युद्ध नहीं है,

तो क्या शांति का वजूद,

युद्ध के उन्माद से है।

आज़ादी क्या है,

कहाँ है,

बंधन से मुक्ति है,

जहाँ कोई बंधन नही है,

तो क्या, आजादी के पतिष्ठा

गुलामी की बेड़ियों से है,

प्रेम क्या है,

कहाँ है,

प्रेम घृणा पर विजय है,

जहाँ नफरत नही है,

तो क्या प्रेम की आवश्यकता,

मात्र घृणा मिटाने को है,

अगर ऐसा है,

तो नही है कुछ भी सत्य,

नही मिटेगी अंधकार,

ना खत्म होगा अज्ञानता

चलता रहेगा युद्ध,

जकड़ी रहेंगी बेड़ियां,

नही बुझेगी नफरत की आग,

ऐ मन निराश ना हो फिर भी,

जगाए रख मन में अनुराग।।

★गौतम अज्ञानी★