Story hindi | बुद्धिजीवियों में बुद्धि का अकाल!

मुझे बुद्धिजीवियों पर इसी बात से क्रोध आता है, मानता हूं मोदी गलत कर रहे है तो आप क्या कर रहे हैं। आप केवल उनके मूर्खतापूर्ण जो कि सिर्फ आपको ही लगता है, कृत्यों पर सिर्फ फेसबुक पर व्यंग लिख कर इतिश्री कर लेते है। कुछ मूर्ख बुद्धिजीवि जो आपसे कम बुद्धिजीवि है, वो आपकी हां में हाँ मिलाते हैं और आप खुश हो लेते हैं। जमीनी स्तर पर आप क्या कर रहे हैं। क्या आप युवाओं को जागरूक कर रहे हैं, क्या आप विरोध मार्च निकाल रहे हैं। नही! आप ऐसा कुछ भी नही कर रहे हैं। आप बस फेसबुक पर व्यंग -व्यंग खेल रहे हैं। व्यंग से 2 सेकेण्ड के लिए हँसी आ सकती है कोई बदलाव नही आ सकता। आज युवाओं को ऐसा क्यों लगता है कि मोदी जी जो भी कर रहे हैं ठीक कर रहे हैं, क्यो वे उनकी हर निर्णय को सर आखों पर रख रहे हैं। अगर आपको लगता है कि सरकार गलत है, तो आपने कितने लोगों के ये समझाने का प्रयास किया है। अगर आपको लगता है सरकार के काम से जनता का, देश का नुकसान हो रहा है, तो कितनी दफ़ा आपने व्यंग से आगे कुछ किया। अभी के युवाओं को सीधी बात समझ में आती है, जो कि ना आप करते हैं ना ही सरकार करती है। गलत है तो विरोध करें। युवा तो आपसे जुड़ने से रहे, आप खुद को युवाओं से जोड़ें । लेकिन नही आप ऐसा नही करेंगे, क्यो! क्योकि आपकी उम्र गुजर चुकी आप बस उम्र के आखरी पड़ाव पर कुछ हँसी मजाक कर लेना चाहते हैं। लेकिन आपकी यही कुटिल हँसी मजाक हम युवाओं के लि रोना बन रही है। इसलिये आपसे नम्र निवेदन है कि आप अपने इस कोटर से निकलिए और अपनी बुद्धि का प्रदर्शन कर हमारा मार्गदर्शन कीजिये। तभी आपकी बुद्धिजीविता की सार्थकता है।

आपके व्यंग करने से हालात नही बदलने वाले, मोदी जी के मन की बात नही बदलने वाले।……धन्यवाद।