“मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?”

Hindi Poem | “मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?”

चाह जहां है,

घर वहां है, बसर जहां है,

डर वहीं है, हशर जहां है,

मंजिल वहीं है, कदम जहां है,

वहीं है जीवन, मरण जहां है

मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?

अरि ओ जानम इश्क में तेरे

आँशु दरिया सा बहा है

नयन को है तेरी प्रतीक्षा

इंतजार तेरा कर रहा है

दिल ये रो-रो पूछता है

मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है ?

1 thought on “Hindi Poem | “मैं कहाँ हूँ, तू कहाँ है?””

Comments are closed.