सिपाही: कलम और बन्दुक
मैं सिपाही एक बदनाम राही, की मै चलता हूँ जिसपे नही है कोई राह मौत के दर्द की आह किसी एक सिपाही का बदनाम राही का की जिसपर तानी थी बन्दुक पहली बार छुटी गोली ,निकली हूक… था वो दुशमन जबतक जिन्दा था पर मार गिराने के बाद ये मन न जाने क्यों शर्मिंदा था […]
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