Poem in Hindi
हिन्द है हमारा,हम हिन्दू है,
बहता हुआ सिंधु हैं,
की हमे मत रोको, मत बांधो,
किसी यम, नियम में,
असाध्य हूँ, मत साधो,
चंद स्वार्थो के खातिर,
हमको सिंधु सा बहने दो,
हिन्दू को हिन्दू रहने दो,,
आज जो तुम कह रहे हो,
मेरा अल्लाह बड़ा, मेरा राम बड़ा
तो सुनो विधर्मियो,
ना तेरा अल्लाह, ना मेरा राम बड़ा,
सबका अपना अपना काम बड़ा,,
बंद क्यों करते हो मुँह मेरा,
मुझे जो कहना है कहने दो,
हिंदू को हिन्दू रहने दो,,
क्या गीता,क्या वेद पुराण
क्या बाइबल, क्या पाक कुरान,
महज किताबे ही तो है,
क्या मंदिर, क्या मस्जिद,
क्या गुरुद्वारा और क्या गिरजाघर,,
महज दीवारे हैं, ऊँची मीनारे हैं,
बस दिल ही है ईश्वर का घर,,
ईश्वर को दिल में रहने दो,
जो कहता हूं वो कहने दो,
हिन्दू को हिन्दू रहने दो,,
चीखते हो, की जागो हिंदुओ,
मगर खुद सोये हुए हो,,
सत्ता के नशे में खोए हुए हो,
सम्भालो खुद को, कहीं दब ना जाओ,
पाखंड का बोझ जो ढोए हुए हो,
अब आडंबर को ढहने दो,
हिन्दू को हिन्दू रहने दो।।