Poem in Hindi-रजनीगंधा
उस रात की हवाओ में, तैर रही थी एक चंचल खुशबू, कि वो रेतीली रात थी सरासर रेगिस्तानी रात, और मैं मिलों से प्यासा चला आ रहा था उस रात चाँद भी पूरे जोर की आजमाइश कर रहा था हमें अंधेरे की जरूरत थी वो चाँदनी की नुमाइश कर रहा था उस धधकती चांदनी में […]
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