इश्क़ में श्याम हुए मनबारी,
गली गली चूड़ी बेचे मोहन
देखन में लागे अति सोहन
माथे दौरा उठा चले हैं
वो देखो गिरधारी
इश्क में श्याम हुए मनबारी…१
चूड़ी लै बरसाने आये,
सतरंगी वो चूड़ी लाये
गोपिन सबको अति मन भाए
किने बारी बारी
इश्क में श्याम भये मनबारी…२
सखियन सब मिल करे ठिठोली
कान्हा बोले मीठी बोली
चूड़ी देखै रंग रंगोली
लगे छटा अति प्यारी
इश्क में श्याम हुए मनबारी…३
कहे गोपिन सही कीमत बोलो
श्याम कहे जो चाहो लेलो
जो चाहे तुम कीमत दे दो
प्रभु की लीला है भारी
इश्क में श्याम भये मनबारी…४
ढूंढे किसी को श्याम निगाहें
झांके ताके किसीकी राहें
ओ राधा तुम क्यों नही आवै
कहाँ रह गई बृषभान दुलारी
इश्क में श्याम भये मनबारी…५
आखिर में मनमोहिनी आयी
कृष्ण के मन को अति हरषाई,
नन्दलाल ने नयन भिड़ाई
राधा रानी तनिक सकुचाई
एक दुजे के नज़रो में गुम हुए
बिसरे दुनिया सारी
इश्क में श्याम भये मनबारी…६