poem

Poem in hindi-उनकी याद

रात हर रोज आती है, 

ना हमको नींद है आती

आग हर रोज है लगती 

पर मैं क्यों जल नही जाता,
याद तो पल पल  करता हूँ

खुद को भी भूल जाता हूँ

राह मालूम है घर मालूम

मगर क्यों चल नही पाता
मैं हँसता हूँ, मैं रोता हूँ

मैं गाता- मुस्कुराता हूँ

मैं जलता दोपहर सा हूँ

शाम सा ढल नहीं पाता
वक्त पल-पल गुजरता है

गुजर सब लोग जाते हैं

इश्क ऐसी बला है कि

ये टाले टल नहीं पाता