POEM IN HINDI

​Poem in Hindi- ”डिओडोरेंट”

आजकल हर कोई 

फूल हो गया है,

सभी रंग बिरंगे,

चटकदार, खुशबूदार,

और मैं कांटा ही रह गया
मैं इसी गम में हूँ

जैसे किसी भ्रम में हूँ

कि सब फूल हो गए

और मैं कांटा ही रह गया
लेकिन नही,

सच में ये मेरा भ्रम ही था,

गौर से देखा तो पाया

कि, कांटो ने डियोडोरेंट लगा रक्खा है।